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पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस वर्ष दिवाली 13 अक्टूबर 2017 के दिन हैं खरीदी का महामुहूर्त---



प्रिय पाठकों/मित्रों,इस वर्ष दिवाली 2017 पर खरीदी का सबसे बड़ा महामुहूर्त 13 अक्टूबर 2017 को है। इस दिन शुक्रवार होने से यह शुक्र पुष्य कहलाएगा। खरीदी के लिए लोगों को सुबह से शाम तक खूब समय मिलेगा। दीवाली से पहले आने वाला पुष्य सबसे खास
माना जाता है। बाजार को भी काफी उम्मीद है। कारोबारियों की माने तो त्योहारी सीजन में मन तो खुश रहेगा ही बाजार पर धन भी बरसेगा। खरीदारी का महायोग होने से सर्वाधिक कारोबार सराफा में होने की उम्मीद है। वैसे भी सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आना
कारोबार के लिए अच्छे संकेत है।
 दीवाली या लोकप्रिय रूप से दीपावली के नाम से जाना जाने वाला भारत का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। दीवाली दुनिया भर में रोशनी का प्रतीक, चमकदार प्रदर्शन, प्रार्थना और जश्न मनाये जाने वाला भारतीय त्यौहार है। दीपावली निश्चित तौर पर भारत में मनाया
जाता है | पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यह सबसे बड़ा हिंदू त्यौहार है। दीपावली को दीप के रूप में आकार दिया जा सकता है जिसका मतलब है 'प्रकाश' और 'वल' जिसका मतलब है पंक्ति अर्थात रोशनी की एक पंक्ति। दीपावली का त्यौहार चार दिनों के
समारोहों से चिह्नित होता है, जो अपनी प्रतिभा के साथ देश को रोशन करता है और हर किसी को अपनी खुशी के साथ चकाचैंध करता है।
 पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार चार दिवसीय उत्सव को विभिन्न परंपराओं से चिह्नित किया गया है, लेकिन जीवन का उत्सव, उत्साह, आनंद और भलाई स्थिर रहती है। दीवाली को इसके आध्यात्मिक महत्व के लिए मनाया जाता है, जो अंधेरे पर प्रकाश की
विजय, बुराई पर अच्छाई, अज्ञानता पर ज्ञान और निराशा पर आशा का प्रतीक है। दीपावली हर भारतीय परिवार में मनाई जाती है। दीवाली का जश्न एक सप्ताह के लिए मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक दिन अलग-अलग त्यौहार होते हैं।
 पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की दिवाली इस बार 19 अक्टूबर 2017 को है, इससे पहले 13 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र आएगा। इस दिन शुक्रवार होने से यह शुक्र पुष्य कहलाएगा। दिवाली से पहले लोग बहुत सी खरीददारी करते हैं और बहुत से लोग शुभ मुहूर्त पर
कोई खास चीज खरीदने में बहुत यकीन रखते हैं।धनतेरस और दिवाली के लिए लोग बाजार में पुष्य नक्षत्र के संयोग में ही सबसे अधिक खरीदारी करते हैं।
 खरीदी के लिए लोगों को सुबह से रात तक खूब समय मिलेगा, क्योंकि 13 अक्टूबर को सुबह 7.45 बजे पुष्य नक्षत्र लग जाएगा जो कि अगले दिन 14 अक्टूबर को सुबह 6.34 बजे तक रहेगा।  365 दिन में 13 पुष्य नक्षत्र आते हैं। जिसमें से दीवाली के पहले
आने वाला पुष्य सबसे विशेष माना जाता है। पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की सभी27 नक्षत्रों में पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा है, इसलिए खरीदी के लिए यह सबसे शुभ है।। इसमें की गई खरीदी समृद्धिकारक होती है। पुष्य नक्षत्र की धातु सोना है, इसे खरीदने
के लाभ होता है। पुष्य में भूमि, भवन, वाहन व अन्य स्थाई संपत्ति में निवेश करने से प्रचुर लाभ की संभावना रहती है।

श्रीमान जी, धन्यवाद..

Thank you very much .



पंडित दयानन्द शास्त्री,
(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)

PT. DAYANAND SHASTRI,                      
LIG-2, H.NO.-217, INDRA NAGAR,                            
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