इस
समय संपूर्ण विश्व गणेशोत्शव हर्षोल्लास के साथ मना
रहा है। लोग गणेश चतुर्थी के दिन अपने-अपने घरों, पांडालों में गणपति जी की स्थापना करते हैं और १० दिनों बाद अर्थात् अनंत चतुर्दशी को को गणेश जी की विदाई अर्थात् विसर्जन करते हैं।
शास्त्रानुसार, सही विधिपूर्वक गणपति भगवान का विसर्जन करने पर व्यक्ति को विद्या, बल, बुद्धि , धन -धान्य, संपत्ति, सुख और शांति मिलती है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इस दिन सबको शुद्ध तन और मन से गणपति भगवान का ध्यान और उपवास करना चाहिए तथा गणेश विसर्जन के पश्चात् सायंकाल भगवन के प्रसाद से उपवास तोड़ना चाहिए।
गणेश विसर्जन
की शास्त्रसम्मत विधि-




और नीचे दिए गए मंत्र का जाप करना चाहिए
(यान्तु
देवगणाः सर्वे,पूजामादय मामकीम।
इष्ट-काम-समृद्ध्यर्थं, पुनरागमनाय च।।)
अर्थात, सभी देवगण मेरे द्वारा की गई पूजा को स्वीकार कर अभीष्ट कामनाओं की समृद्धि के लिए पुनः आने के लिए यहाँ से विदा हों।
-जय
श्री गणेश।
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